प्रभु कैसे मन मन्दिर में आते है ?
वो भक्त्त कैसे होते है ?
जो सोवत जागत शरण तुम्हारी, इस भावना से युक्त हो !
विषय वासनाओ से परे हो !
जिस ह्रदय में समस्त इच्छाएँ निकल गयी हो !
जिसे ह्रदय के सारे भाव प्रभू से जुड़ गए हों !
ऐसे ह्रदय में प्रभु आते है !
राधे राधे
--
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे
हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे
वो भक्त्त कैसे होते है ?
जो सोवत जागत शरण तुम्हारी, इस भावना से युक्त हो !
विषय वासनाओ से परे हो !
जिस ह्रदय में समस्त इच्छाएँ निकल गयी हो !
जिसे ह्रदय के सारे भाव प्रभू से जुड़ गए हों !
ऐसे ह्रदय में प्रभु आते है !
राधे राधे
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे
हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे
Hare Krishna !!
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