भक्त्त के दर्शन
जिन भक्त्तो का आश्रय केवल श्री कृष्ण है,
वह भक्त्त तो गंगा को भी पवित्र कर देते है !
बहुत लम्बे समय तक तीर्थ सेवन से इतना पवित्र कोई नही होता,
जितना किसी भगवद भक्त्त के दर्शन से हो जाता है !
इस वृन्दावन में अनेको - नेक भक्त्त अपने प्यारे को रिझाने में लगे हुए है !
उन का दर्शन कर के अपने को पवित्र कर लो !
हमारे चित में जो अनंत काल का मल जमा है,
वह केवल भगवद भक्त्तो के मुखारविन्द के दर्शन से
या ऐसे किसी भगवद भक्त्त के चरित्र सुनते ही चले जाते है !
राधे राधे
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे
हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे
Hare Krishna !!
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