क्रोध क्यो आता है ?
इस संसार में हमारा सबसे बड़ा शत्रु है काम
काम यानी कामनाएं इच्छाएं
जो अनंत है
जब हमारी कोई कामना पूर्ण होती है तो
हमें उससे मोह हो जाता है
जब कोई कामना पूर्ण नहीं होती तो
हमें क्रोध आता है
क्रोध से चित्त की वृति खराब होती है
अन्य विकार पैदा होते है
और विवेक को क्रोध हर लेता है
क्रोध चित को कठोर कर देता है
इसलिए कामना करो सिर्फ कृष्ण प्रेम की
उसी को पाने की चाह हो
क्रोध अपने आप ख़तम हो जाएगा
मन में संतोष आ जाएगा
प्राणी जैसे संग में रहता है, वैसा ही चिंतन करता है !
इसलिए महत पुरुषों का ही संग करो
और फ़िर वैसा ही बन जाता है !
ब्रज में एक ही तत्व है प्रेम, अत यहाँ कठोरता नही है !
राधे राधे
--
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे
हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे
इस संसार में हमारा सबसे बड़ा शत्रु है काम
काम यानी कामनाएं इच्छाएं
जो अनंत है
जब हमारी कोई कामना पूर्ण होती है तो
हमें उससे मोह हो जाता है
जब कोई कामना पूर्ण नहीं होती तो
हमें क्रोध आता है
क्रोध से चित्त की वृति खराब होती है
अन्य विकार पैदा होते है
और विवेक को क्रोध हर लेता है
क्रोध चित को कठोर कर देता है
इसलिए कामना करो सिर्फ कृष्ण प्रेम की
उसी को पाने की चाह हो
क्रोध अपने आप ख़तम हो जाएगा
मन में संतोष आ जाएगा
प्राणी जैसे संग में रहता है, वैसा ही चिंतन करता है !
इसलिए महत पुरुषों का ही संग करो
और फ़िर वैसा ही बन जाता है !
ब्रज में एक ही तत्व है प्रेम, अत यहाँ कठोरता नही है !
राधे राधे
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे
हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे
Hare Krishna !!
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