प्रिय सखी
नाम संकीर्तन एवं नाम स्मरण
कलियुग में प्रभु नाम संकीर्तन के अतिरिक्त
संसार में भव सागर पार करने का ओर कोई साधन नही है !
जहाँ जहाँ भगवत नाम संकीर्तन होता है, वहाँ प्रभु अवश्य रहते है !
भगवन नाम संकीर्तन अनंत काल के अनंत पापो को जला देता है !
भगवान ने अपनी समस्त शक्त्ति अपने नाम में रख दी है !
नाम लेने में कोई भी पावंदी नही है !
परन्तु अशांत व चंचल मन से स्मरण नही होगा !
नाम संकीर्तन मन को शांत व स्थिर कर देता है !
स्वच्छ एवम स्थिर जल में ही सही आकृति दिखायी देगी !
फिर सतत शान्त मन से प्रभु का स्मरण करो !
राधे राधे
--
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे
हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे
Hare Krishna !!
नाम संकीर्तन एवं नाम स्मरण
कलियुग में प्रभु नाम संकीर्तन के अतिरिक्त
संसार में भव सागर पार करने का ओर कोई साधन नही है !
जहाँ जहाँ भगवत नाम संकीर्तन होता है, वहाँ प्रभु अवश्य रहते है !
भगवन नाम संकीर्तन अनंत काल के अनंत पापो को जला देता है !
भगवान ने अपनी समस्त शक्त्ति अपने नाम में रख दी है !
नाम लेने में कोई भी पावंदी नही है !
परन्तु अशांत व चंचल मन से स्मरण नही होगा !
नाम संकीर्तन मन को शांत व स्थिर कर देता है !
स्वच्छ एवम स्थिर जल में ही सही आकृति दिखायी देगी !
फिर सतत शान्त मन से प्रभु का स्मरण करो !
राधे राधे
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे
हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे
Hare Krishna !!
yes Prabhu
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